Justice 24 hour
रंजीत कुमार,अनुमंडल संवाददाता दाउदनगर,
औरंगाबाद ( बिहार) 6 मार्च 2024 : गोह प्रखंड के उपहारा थाना क्षेत्र के हुंड़रही गांव में आयोजित रूद्र महायज्ञ सह शिव मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर आयोजित कथा के तीसरे दिन बुधवार की संध्या कथा वाचिका देवी रक्षा सरस्वती ने शिवलिंग की उत्पत्ति व प्रकार पर विस्तार से वर्णन करते हुए तथा कथा को आगे बढ़ाते हुए कहा कि सृष्टि बनने के बाद भगवान विष्णु और ब्रह्माजी दोनों खुद को सबसे अधिक शक्तिशाली सिद्ध करने में लगे थे।
इस दौरान आकाश में एक चमकीला पत्थर दिखा और आकाशवाणी हुई कि इस पत्थर का जो भी अंत ढूंढ लेगा, वह ज्यादा शक्तिशाली माना जाएगा। परंतु दोनों को अंत नहीं मिला। तब भगवान विष्णु ने स्वयं हार मान ली।
लेकिन ब्रह्मा जी ने सोचा कि अगर मैं भी हार मान लूंगा तो विष्णु को ज्यादा शक्तिशाली समझा जाएगा। इसलिए ब्रह्माजी ने कह दिया कि उनको पत्थर का अंत मिल गया है।
इसी बीच फिर आकाशवाणी हुई कि मैं शिवलिंग हूं और मेरा ना कोई अंत है, ना ही शुरुआत और उसी समय भगवान शिव प्रकट हुए।
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