Justice 24 hour
रंजीत कुमार,अनुमंडल संवाददाता दाउदनगर, औरंगाबाद ( बिहार) 14 मार्च 2024
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा संचालित सैनिक स्कूल प्रवेश परीक्षा 2024 मैं केवीएम क्लासेस गोह के 63 छात्रों ने सफलता हासिल किया।
सैनिक स्कूल प्रवेश परीक्षा 28 जनवरी को देश के विभिन्न शहरों में ली गई थी जिनके नतीजे 13 मार्च देर रात प्रकाशित किया गया। इस परीक्षा में देशभर में लगभग डेढ़ लाख छात्रों ने हिस्सा लिया था।
जलालपुर निवासी मनोज कुमार के पुत्र हिमांशु राज ने पूरे देश में 96वा रैंक हासिल किया इसके अलावा गोह में बाजार निवासी मनोज कुमार के पुत्र आरव सेन ने पूरे देश भर में 324 व रैंक प्राप्त किया।
टेकरी निवासी संदीप गुप्ता के पुत्र सुशांत कुमार ने 174 वा रैंक हासिल किया। इसके अलावा सफल छात्रों में पुष्पांजलि कुमारी, विराट यादव ,शुभम कुमार ,रौनक राज, नंदनी कुमारी ,शिवम कुमार ,पीयूष सिंघड़ा, पीयूष शर्मा, माही कुमारी, सर्वजीत कुमार ,प्रिंस न्यू एरिया, प्रिंस निजामपुर, पृथ्वीराज , चव्हाण आर्यन राज ,एमजी अदिति, उमंग कुमार , ने लकी सिंह अभिषेक यादव, कौशल कृष्णा, कौशल कुमार, आयुष गिरी, अंकित यादव, यश राज,अमन, निशांत राज, माही कुमारी, सागर, अनामिका कुमरी,
सलोनी कुमारी, रवि शंकर, अभय प्रताप, सुरभि कुमारी, रोनीट सिंह ,विराट कुमार सिमरन प्राची, सत्यम ,प्रवीण कुमार, सिंधु सुहानी, सुप्रिया भारती, हर्ष राज ,निशांत कुमार, हर्षित राज ,तन्वी, श्वेता ,कौशल ,अंजलि,आदित्य, आयुष, एकलव्य, अनुराग, हरिओं, सूर्यांश, कार्तिक, समृद्धि कुमारी, संजीत कुमार है। सभी छात्रों ने सफलता का श्रेय निर्देशक राहुल सर, संचालक कुंदन सर शिक्षक कमलेश कुमार ,कुंदन कुमार ,पप्पू कुमार, रंजय कुमार ,संतोष कुमार ,डिंपल कर को दिया है
Trending
- बालू माफियाओं को संरक्षण देने के आरोप में एसपी की बड़ी करवाई ।
- बांग्लादेश में हिन्दू- सिख -जैन -बौद्ध पर हो रहे अत्याचार के विरुद्ध में आक्रोश मार्च ।
- पेयजल आपूर्ति की 80 प्रतिशत योजना कागज पर! वाटर कंजर्वेशन पर गंभीर है हेमंत सरकारः राधाकृष्ण किशोर
- पुलिस की कार्यशैली एवं क्रियाकलाप संदेह के घेरे में, न्याय की मांग।
- बिहार प्रदेश के औरंगाबाद जिले से हैरान करने वाली घटना ।
- कलम की सिपाही पर खाकी वर्दी का आतंक, देश,राज्य व समाज के सर्वांगीण विकास में है बाधक।
- सुशासन बाबू की सरकार में अब मोटरसाइकिल से नहीं, ट्रक लगाकर होती हैं लूट ! लूट की खबर से दहशत का माहौल।
- कलम की सिपाही पर खाकी वर्दी का आतंक, फलस्वरूप पत्रकार अपने कर्तव्यों को भूल चुके हैं।