राम विवाह प्रसंग की रात्रि लीला मंचन के साथ रामलीला का समापन
महायज्ञ के आखिरी दिन सैकड़ों श्रद्धालु-भक्तों ने यज्ञ वेदी में दी अंतिम व पूर्ण आहुतियां
अंतिम दिन की कथा में श्रद्धालुओं की उमड़ी अपार भीड़
दैनिक शुभ भास्कर,
रंजीत कुमार,अनुमंडल संवाददाता दाउदनगर,
औरंगाबाद ( बिहार ) 24 अप्रैल 2024 ; हसपुरा प्रखंड क्षेत्र के मौआरी गांव स्थित देवी मंदिर प्रांगण में भागवत भास्कर श्री स्वामी पुरूषोत्तमाचार्य जी महाराज के सान्निध्य में चल रहे सात दिवसीय श्री लक्ष्मी नारायण सह हनुमत प्राण प्रतिष्ठा महायज्ञ के अंतिम दिन मंगलवार को स्वामी जी एवं उनके सहयोगी विद्वान आचार्यों की उपस्थिति में सुबह से वैदिक मंत्रों के साथ यज्ञ वेदी में अंतिम और पूर्ण आहुतियां डाली गयी।
यज्ञ स्थल पर मौजूद मीडिया प्रभारी डॉ० ज्योति कुमार ने बताया कि श्रद्धालु भक्तों ने पूर्ण आहुति में अपने-अपने अवगुणों का त्याग करने का संकल्प लिया तथा गांव-परिवार की सुख शांति और राष्ट्र कल्याण की कामना की। इस दौरान वैदिक मंत्रों के उच्चारण से पूरा पंडाल गुंज उठा। श्रद्धालुओं ने यज्ञ स्थल की परिक्रमा के बाद स्वामी जी की अंतिम संध्या कथा में भी शामिल हुए और उसके बाद महाभंडारे में प्रसाद ग्रहण किया।
अंतिम दिन की कथा में स्वामी पुरूषोत्तमाचार्य जी ने राजा परीक्षित को श्रृंगी ऋषि का श्राप लगने के बाद शुकदेव परीक्षित मोक्ष के प्रसंग की कथा का मार्मिक वर्णन किया।जिसे सुन श्रद्धालुगण इस नश्वर और क्षणभंगुर संसार में सोचने को विवश हुए।अंतिम दिन होने के कारण कथा सुनने वाले श्रद्धालुओं की अपार भीड़ उमड़ पड़ी। इस दौरान महायज्ञ को सफल बनाने में पूरी निष्ठा और समर्पण भाव से अपनी जिम्मेदारी निभाने वाले आयोजन समिति के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव, उपसचिव, कोषाध्यक्ष, उपकोषाध्यक्ष, मीडिया प्रभारी, कलेक्शन कमिटी अध्यक्ष एवं अन्य को धर्म-मंच पर बारी-बारी से आमंत्रित कर स्वामी जी महाराज ने अपने करकमलों से सम्मानित किया।
श्री जय बजरंग रामलीला मण्डल, वाराणसी के तत्वावधान में चल रही रामलीला में मंगलवार की रात पूरे विधि-विधान से राम विवाह की लीला का जीवंत मंचन किया गया।राजा जनक का किरदार निभा रहे विजय चौबे ने कन्यादान का रस्म निभाया। इस भावपूर्ण मंचन को देख दर्शक भावुक हो उठे।
रामलीला मंडली के संगीत कलाकारों ने ” राम को देखकर श्री जनकनंदिनी बाग में जा खड़ी की खड़ी रह गई —-” जैसे कर्ण प्रिय भजन के माध्यम से ऐसा शमां बांधा कि दर्शक इन स्वरलहरियों में देर तक डूबते नजर आए। इसी के साथ लीला का समापन हो गया।
बताते चलें कि स्वामी जी और उनके साथ आए संत महात्माओं के अलावा यज्ञ में पधारे अन्य साधु-संतों को दान -दक्षिणाऔर विदाई देकर भावभीनी विदाई दी गई। इस दौरान भक्तों के आंसू छलक पड़े।
इस अवसर पर रविन्द्र कुमार उर्फ नूनू शर्मा,हरिपन शर्मा, मृत्युंजय कुमार, अरविंद शर्मा, धीरज शर्मा, ओमप्रकाश वत्स,संजीव कुमार,भूषण शर्मा, विशाल कुमार,नवीन कुमार, राधाकांत शर्मा, नरोत्तम कुमार समेत बड़ी संख्या लोग उपस्थित थे।