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कामाख्या नारायण मिश्र, वरीय संवाददाता
धनबाद (झारखंड) 06 जून 2024 :- जिले के विभिन्न स्थानों मे गत गुरुवार (अमावस्या) को यहां के सुहागिन महिलाएं सदियों से चली आ रही परम्परा को निभाते हुए वट सावित्री की पूजा की।
इस कड़ी में क्षेत्र की महिलाओं ने अपने घर या मंदिर के आस पास स्थित वट वृक्ष के नीचे बैठ कर पूजा-अर्चना की और अपने पति की लम्बी आयु की कामना की।
वट सावित्री पूजा सुहागिन महिलाओं के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है । इस पूजा में पत्नी अपने पति की लंबी आयु और सुखद वैवाहिक जीवन के लिए ये व्रत रखती है । यह पर्व ज्येष्ठ कृष्ण अमावस्या के दिन मनाया जाता है। महिलाएं वट सावित्री पूजा कर सावित्री सत्यवान की कथा श्रवण करती है। वहीं नव दंपति इस पर्व को तीन दिनों तक करती हैं।
वट सावित्री पूजा में पहले सावित्री, सत्यवान और यमराज की मूर्ति वट वृक्ष के नीचे बनाई जाती है , उसके बाद वट वृक्ष की जड़ में जल, फूल-धूप और विभिन्न प्रकार के फल और मिठाई से पूजा की जाती है। इसके उपरान्त कच्चा धागा लेकर वट वृक्ष की परिक्रमा की जाती है ।
भीगा चना लेकर सावित्री सत्यवान की कथा सुनते है। उसके बाद पत्नियां अपने पति को पंखे से हवा देकर अर्शीवाद लेती है ।
पति के द्वारा पत्नी को अन्न-जल ग्रहण करवाकर व्रत की उपवास को तुड़वाते है ।