जनप्रतिनिधि बदले किंतु औरंगाबाद जिले के कुटुम्बा प्रखंड का हालत नहीं!
JUSTICE 24 HOUR
दशहरा जैसे पावन पर्व के शुभ अवसर पर संपन्न लोगों के द्वारा अपने परिवार व बच्चों अच्छे से अच्छे परिधान/कपड़े खरीदकर और पहनकर माॅ देवी के प्रतिमाओं की पूजा अर्चना में लगे हुए हैं, पंडितों को दान दक्षिणा देकर, आशीर्वाद प्राप्त कर रहे हैं तथा नवरात्रि पर्व का जश्न मना रहे हैं तथा दशहरा के जश्न मनाने की तैयारीयां में हैं । वहीं दो जून के रोटी के लिए तरस रहे गरीबों को लूटने से जन वितरण प्रणाली विक्रेता “डीलर” एवं इनके परिजनों सहित उनके संरक्षक अधिकारी बाज नहीं आ रहे हैं।
दशहरा जैसे महा पर्व में गरीबों के घरों में जहां बच्चे खाना के लिए हाहाकार मचा रखें है तथा बच्चों के तन पर वस्त्र नहीं हैं वही जिले के अधिकारी डीलर पुत्र के आतंक के सामने तमाशबीन है और डीलर पुत्र लाठी की बदौलत गरीबों के हक को सरेआम लूट रहे है! आखिर इसका मूल वजह क्या है ? और जिले के वरीय पदाधिकारी के पास कानून की धार क्यों कुंद पड़ चुका है! यह हम सवाल का प्रतिउत्तर प्रबुद्ध लोगों ने प्रिंट मीडिया /सोशल मीडिया मीडिया के माध्यम से बिहार सरकार के माननीय मुखिया, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, जिला पदाधिकारी औरंगाबाद तथा अनुमंडल पदाधिकारी, सदर अनुमंडल औरंगाबाद तथा प्रतिपक्ष के औरंगाबाद जिले के सांसद एवं कुटूम्बा विधानसभा के विधायक से जानना चाहा है।
ज्ञात हो कि बिहार प्रदेश के औरंगाबाद जिले का कुटुम्बा प्रखंड के अम्बा थाना क्षेत्र की ग्राम :- ढ़ोंगरा में जन वितरण प्रणाली विक्रेता श्री राम नरेश सिंह “डीलर ” एव इनके दवंग पुत्र तथा परिवार के अन्य सदस्यों ने लाठी के बदौलत दशहरा जैसे महापर्व के शुभअवसर पर गरीबों के निवाला को सरेआम लूट रहे हैं ।
वरीय पदाधिकारियों के निर्देश पर प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी कुटुम्बा द्वारा जांच के पश्चात डीलर को 5 किलो अनाज प्रति उपभोक्ता गेहूं चावल देने का निर्देश दिया गया तथा जनशिकायत से वरीय पदाधिकारियों को अवगत करा देने की बात कही गई, इसके वावजूद भी डीलर पुत्र लगातार गरीबों की राशन को डकारने से बाज नहीं आ रहा हैं और उपभोक्ताओं को सरेआम कह रहे है कि ज्यादा हर-हर खिच खिच करेंगा तो पटकर मारेंगे,राशन भी नहीं देंगे और आप लोग के राशन से ही केस लड़ लेंगे।
जन शिकायत के संदर्भ में जांच तथा जांच के पश्चात
प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी कुटुम्बा द्वारा डीलर पुत्र को दिये गये निर्देश के अनदेखी के बाद वरीय पदाधिकारियों से बार-बार शिकायत के बावजूद भी आज भी गरीब राशन से वंचित क्यों है तथा 5 किलो की जगह 4 किलो सड़े गले चुन्नी खुद मिले अनाज कैसे दिए जा रहे हैं, तथा डीलर पुत्र द्वारा सरेआम उपभोक्ताओं को कैसे कहा जा रहा है कि 5 किलो अनाज जो मांगेगा उसको अब हम पीटेंगे।
आखिर क्यों आज भी कुपोषण के शिकार गरीब परिवार 5 किलो की जगह 4 किलो सड़े गले चुन्नी खुदी मिले अनाज लेने के लिए विवश दिख रहे हैं । आखिर राशन नहीं लेने से क्षति किसकी है डीलर का या उपभोक्ता का ! इससे स्पष्ट है कि जो भी क्षति है वह उपभोक्ता का है , मार भी उपभोक्ता को खाना है और कम राशन लेना या राशन से वंचित रहना भी उपभोक्ता को ही है और गरीबों की राशन से मजा मारना डीलर एवं इनके संरक्षक अधिकारियों का काम बच गया है।
आखिर डीलर द्वारा राशन की कालाबाजारी के पीछे हाथ किसका है ? आखिर जिले के वरीय पदाधिकारी भी भ्रष्ट डीलरों पर शिकंजा कसने से कतरा क्यों रहे हैं। यह अहम सवाल का प्रतिउत्तर समाचार पत्रों एवं सोशल मीडिया के माध्यम से कुटुम्बा प्रखंड के कर्तव्यनिष्ठ बुद्धिजीवी एवं पत्रकार जानना चाहते है
यस सर्वविदित सत्य है कि जन वितरण प्रणाली विक्रेता ग्राम ढ़ोंगरा, रामनरेश सिंह “डीलर” के पुत्र झुनझुन सिंह ने अपने पिता सह डीलर रामनरेश सिंह को कहने के बावजूद भी दो माह के राशन के जगह एक माह का 20 किलो राशन धर्मेन्द्र साव को देने के तैयार हुआ किन्तु उपभोक्ता धर्मेंद्र साव ने कहा राशन 2 माह के नहीं मिलेगा तो प्रति उपभोक्ता 4 किलो जो राशन देते थे ,वही दीजिए हम 20 किलो राशन नहीं लेंगे , 20 किलो की जगह 16 किलो सड़े गले चुन्नी खुदी मिला चावल धर्मेंद्र साव को दिया गया। घरवालों द्वारा राशन को रखने से इनका करने पर डीलर संघ के अध्यक्ष ब्रजेश सिंह एवं ग्रामीण पत्रकार अनिल कुमार मिश्र के सुझाव के अनुसार धर्मेंद्र साव राशन को बदलकर दुसरा राशन के लिए डीलर के राशन दुकान पर गया और खराब चावल को बदल कर दुसरा चावल को देने के लिए कहा ,जिस पर डीलर पुत्र एवं डीलर द्वारा उसी चावल को लेकर जाने के लिए कहा गया। डॉलर के यहां चावल छोड़कर जब धर्मेंद्र साहब आने लगा तो डीलर पुत्र ने दरवाजा के पास गली में उसको कालर पकड़ कर खींचने लगे, और अमानवीय गाली देते हुए अपने परिवार के अन्य सदस्यों को कहा लाठी लाओ और मा…. को मारों, सरेआम गली में कालर पकड़कर खींचा और हाथापाई किया तथा कहा कि कहां जाओगे, बार बार ब्लॉक में जाता है चलों वहां भी हम ही है। तुम हमको कुछ भी बिगाड़ नहीं लोगे। तोरे राशन से हम केस लड़ लेंगे।