JUSTICE 24 HOUR

लेखक: डॉ. अंजनी कुमार

2023 में लागू हुए नए कानून ने भारतीय न्याय प्रणाली में फॉरेंसिक साक्ष्य की भूमिका को और भी महत्वपूर्ण बना दिया है। यह कानून फॉरेंसिक विज्ञान को अपराध की जांच और न्यायिक प्रक्रिया में एक अभिन्न अंग के रूप में मान्यता देता है। आइए जानें कि नए कानून के तहत फॉरेंसिक साक्ष्य का महत्व और उसकी भूमिका क्या है।

फॉरेंसिक साक्ष्य की भूमिका:

फॉरेंसिक साक्ष्य वैज्ञानिक और तकनीकी विधियों के माध्यम से एकत्रित किए जाते हैं, जो अपराध के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं। इनमें डीएनए प्रोफाइलिंग, फिंगरप्रिंट विश्लेषण, रासायनिक परीक्षण, डिजिटल फॉरेंसिक्स और अन्य प्रकार के विश्लेषण शामिल होते हैं। फॉरेंसिक साक्ष्य का मुख्य उद्देश्य अपराध की सच्चाई को उजागर करना और न्यायिक प्रक्रिया में निष्पक्षता को सुनिश्चित करना है।

नए कानून की विशेषताएँ:

2023 का नया कानून फॉरेंसिक साक्ष्य को न्यायालय में प्रस्तुत करने और उसे स्वीकार करने के संबंध में कई महत्वपूर्ण प्रावधान लाता है। यह कानून फॉरेंसिक साक्ष्य के संग्रह, संरक्षण और विश्लेषण में मानकों और प्रोटोकॉल का पालन करने पर जोर देता है। इसके अलावा, यह कानून फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स को न्यायिक प्रक्रिया में अधिक अधिकार और स्वतंत्रता प्रदान करता है।

न्यायिक प्रक्रिया में पारदर्शिता:

नए कानून के तहत, फॉरेंसिक साक्ष्य की प्रमाणिकता और विश्वसनीयता को बढ़ाने के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। फॉरेंसिक साक्ष्य को न्यायालय में प्रस्तुत करने से पहले उनकी सत्यता और वैज्ञानिक सटीकता की पुष्टि की जाती है। इससे न्यायिक प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता बढ़ती है, जो न्यायिक निर्णय को अधिक विश्वसनीय बनाती है।

फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स की भूमिका:

नए कानून के तहत, फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो गई है। वे न केवल साक्ष्य का विश्लेषण करते हैं, बल्कि न्यायालय में विशेषज्ञ गवाह के रूप में भी प्रस्तुत होते हैं। उनकी गवाही और निष्कर्षों को न्यायिक प्रक्रिया में विशेष महत्व दिया गया है, जिससे वे न्यायालय को सही और निष्पक्ष निर्णय लेने में मदद करते हैं।

प्रशिक्षण और प्रमाणन:

नए कानून ने फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स के प्रशिक्षण और प्रमाणन पर भी विशेष ध्यान दिया है। उन्हें नवीनतम तकनीकों और वैज्ञानिक विधियों का ज्ञान प्राप्त करने के लिए नियमित रूप से प्रशिक्षित किया जाएगा। इससे वे अपराध की जांच में अधिक प्रभावी और सक्षम बनेंगे।

निष्कर्ष:

2023 का नया कानून फॉरेंसिक साक्ष्य की महत्ता को और भी बढ़ा देता है। फॉरेंसिक साक्ष्य के माध्यम से अपराध की सच्चाई को उजागर करने और न्यायिक प्रक्रिया में निष्पक्षता और पारदर्शिता को सुनिश्चित करने में यह कानून महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। फॉरेंसिक विज्ञान के क्षेत्र में यह एक स्वागत योग्य कदम है, जो न्याय व्यवस्था को और भी मजबूत बनाएगा।


डॉ. अंजनी कुमार
7011833876
फॉरेंसिक विशेषज्ञ, साइबर सुरक्षा, डिजिटल फॉरेंसिक्स एवं फॉरेंसिक विज्ञान

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