बिहार प्रदेश के औरंगाबाद जिले से हैरान करने वाली घटना ।
मानव तस्करी के धंधा में शामिल अपहरण कर्ताओं को बिहार तथा महाराष्ट्र पुलिस द्वारा संरक्षण का आरोप ।
बिहार तथा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को लड़की पिता ने
लिखा पत्र, मानव तस्करी की धंधा में शामिल लोगों एवं इनके संरक्षक पुलिस के विरुद्ध की कार्रवाई की मांग।
थानाध्यक्ष अम्बा थाना एवं नगर थाना औरंगाबाद के एक महिला दरोगा के विरूद्ध ऑनलाइन एफआईआर।
दैनिक शुभ भास्कर,
अनिल कुमार मिश्र, संपादक, बिहार -झारखंड प्रदेश।
औरंगाबाद (बिहार) 13 दिसंबर 2024:- मानव तस्करी के धंधा में शामिल लोगों को बिहार प्रदेश के औरंगाबाद जिला के पुलिस तथा महाराष्ट्र के क्राइम ब्रांच के पुलिस द्वारा संरक्षण का मामला प्रकाश में आया है । वहीं मानव तस्करी में शामिल लोगों को महाराष्ट्र की पुलिस एवं बिहार प्रदेश के औरंगाबाद जिले के पुलिस का संरक्षण का आरोप हैरान करने वाली बातें है।
उपरोक्त आशय की लिखित शिकायत लड़की के पिता ने पुलिस अधीक्षक औरंगाबाद से की है तथा ईमेल के माध्यम से लिखित आवेदन /सूचना प्रेषित करते हुए बिहार सरकार तथा महाराष्ट्र सरकार के माननीय मुख्यमंत्री से मानव तस्करी की धंधा में शामिल लोगों तथा इनके संरक्षक बिहार प्रदेश के औरंगाबाद जिले की पुलिस थाना महाराष्ट्र के क्राइम ब्रांच के एक पुलिस अधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की गई है ।
ज्ञात हो कि बिहार प्रदेश के औरंगाबाद जिले की पुलिस एवं महाराष्ट्र के क्राइम ब्रांच के पुलिस अधिकारी के कार्यशैली से परेशान व हैरान लड़की के पिता ने थानाध्यक्ष अम्बा थाना एवं नगर थाना औरंगाबाद के एक महिला दारोगा के विरुद्ध ऑनलाइन एफआईआर 13.12.2024 को किया है । जिसमें अपने लड़की के अपहरण कर्ताओं को अम्बा थाना के थानाध्यक्ष तथा नगर थाना औरंगाबाद के महिला द्वारा संरक्षण देने का आरोप लगाया गया है।
बताते चले की बिहार प्रदेश के औरंगाबाद जिले से एक नाबालिक लड़की की अपहरण 4 दिसंबर 2024 को
सुबह 8:00 बजे अपने घर से यादव कॉलेज औरंगाबाद जाने क्रम में हुई है। जिसमें मानव तस्करी के धंधा में शामिल लोगों की बचाव में बिहार प्रदेश का औरंगाबाद जिले की पुलिस एवं महाराष्ट्र के क्राइम ब्रांच के एक पुलिस अधिकारी को शामिल होने की बात बताई जा रही है।
लड़की के पिता ने पुलिस अधीक्षक औरंगाबाद को हाथों में आवेदन देते हुए रो पड़ा और कहा साहब आज मेरी लड़की का अपहरण हुए 10 दिन हो गया है किंतु पुलिस कार्रवाई नहीं कर पा रही है । पुलिस अधीक्षक औरंगाबाद द्वारा पीड़ित लड़की के पिता को यथाशीघ्र कार्रवाई करने की भरोसा दिलाया , वही मुख्यालय डीएसपी 1 ने लड़की को यथाशीघ्र बरामद करने का आश्वासन लड़की के पिता को दिया है।
अब देखना यह है की नाबालिक लड़की के अपहरण में दोनों प्रदेश की पुलिस का अगर हांथ या संलिप्तता है । अथवा किसी कारणवश पुलिस अपने दायित्व का निर्वहन नहीं कर पा रही है तो क्या लड़की के पिता को विधि सम्मत न्याय मिल पाएंगे अथवा न्याय की आस में लड़की के पिता ही दम तोड़ देंगे। यह अहम सवाल उच्च स्तरीय जांच का विषय है।
विश्व सूत्रों ने बताया है की लड़की को बरामदगी को लेकर पुलिस की बढ़ते दबाव के मद्देनजर नगर थाना औरंगाबाद के महिला दारोगा , जो लड़की से संबंधित मामले में केस की आइओ हैं वह छुट्टी लेकर अपने घर चली गई है, जिसके कारण लड़की की ब्रांड की में विलंब होने की संभावना है।
लड़की के पिता का कहना है की केस के संबंध में जांच पड़ताल कर रही, नगर थाना के एक महिला दरोगा को हमने सभी साबूत दिया है, सभी अपहरण में शामिल लोगों का फोटो दिया है ,सभी का एड्रेस दिया है , मोबाइल नंबर दिया है, इसके बावजूद भी महिला दरोगा लड़की को अपहरण करने वाले के मेल एवं प्रभाव में है और कोई कार्रवाई नहीं कर पा रही है। लड़की के पिता को बताया गया कि एक महाबाद लड़की आने के लिए बोली है आएगी तो उसको ले जाकर कोर्ट में बयान करा दिया जाएगा। आपको जहां जाना है जाए, शिकायत करें, हम एसपी साहब से स्वयं बात कर लेंगे, लड़की के पिता को संदेह है कि महाभारत कर्ताओं का संरक्षण महाराष्ट्र के क्राइम ब्रांच का एक सीनियर ऑफिसर का है जिसके कारण पुलिस लड़की को बरामद नहीं कर पा रही है।
तथ्य चाहे जो भी हो लेकिन घटना/आरोप हैरान कर देने वाले हैं । मामले का संज्ञान स्वयं दोनों प्रदेश के मुख्यमंत्री महोदय को लेना चाहिए तथा अपहरण की घटनाओं में अगर बिहार में महाराष्ट्र के पुलिस पदाधिकारी शामिल हैं तो उनके विरुद्ध कठोर से कठोर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि घटनाओं की पुनरावृत्ति पर रोक लगा सके और पीड़ित लड़की के पिता को विधि सम्मत न्याय मिल सके।