वरीय संवाददाता
गया (बिहार ):– आईआईएम बोधगया द्वारा 245 ग्रेजुएटिंग छात्रों के लिए 7 अप्रैल, 2024 को अपने छठे वार्षिक दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया . कार्यक्रम में भारत के माननीय उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपनी पत्नी श्रीमती सुदेश धनखड़ के साथ मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया.
समारोह की शुरुआत आईआईएम बोधगया के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष उदय कोटक द्वारा दिए गए स्वागत भाषण से हुई. श्री कोटक ने 2015 में आईआईएम बोधगया की स्थापना और परिसर में छात्रों की संख्या के मामले में देश के शीर्ष 5 आईआईएम में शामिल होने तक की इसकी यात्रा का संक्षेप में वर्णन किया.
श्री कोटक ने कहा, “हमें एक चुनौती और एक अवसर दिया गया था एवं हमने इसे बोर्ड के सभी सदस्यों के साथ मिलकर लिया और सरकार के दृष्टिकोण को वास्तविकता में बदल दिया.”आईआईएम बोधगया की निदेशक डॉ. विनीता सिंह सहाय ने शैक्षणिक वर्ष 2022-2023 के लिए वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें संस्थान की उपलब्धियों और नए इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास पर प्रकाश डाला गया.अपने भाषण में, उन्होंने उल्लेख किया कि आईआईएम बोधगया के छात्रों की प्रतिस्पर्धी भावना ने संस्थान को अनस्टॉप द्वारा “शीर्ष 10 बी-स्कूलों” में स्थान दिया.
डॉ सहाय ने ग्रजुएटिंग बैच के छात्रों के सफल 100% प्लेसमेंट पर भी प्रकाश डाला.मुख्य अतिथि ने ग्रेजुएटिंग छात्रों को स्कोलस्टिक पदक और डिग्री से सम्मानित किया.ये पदक तीन श्रेणियों में प्रदान किए गए: अध्यक्ष स्वर्ण पदक, निदेशक स्वर्ण पदक और आईआईएम बोधगया के सर्वश्रेष्ठ छात्र स्वर्ण पदक, जो कर्मशः अमरद्युति बासु, दीपक शर्मा और सुजीत अनिल चौबे द्वारा प्राप्त किये गए.श्री धनखड़ ने ग्रेजुएट्स से लोकतांत्रिक सिद्धांतों को बनाए रखने के महत्व और सामाजिक परिवर्तन लाने में शिक्षा की परिवर्तनकारी शक्ति के बारे में चर्चा की.
बिहार के माननीय राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर एवं भारत के जी20 शेरपा एवं निति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत भी इस अवसर पर उपस्थित रहे.समारोह का समापन उदय कोटक के समापन भाषण के साथ हुआ, जिन्होंने ग्रेजुएटिंग छात्रों और राष्ट्र के विकास में योगदान करने की उनकी क्षमता पर गर्व व्यक्त किया.