इंटरनेट पर अश्लीलता परोसने वालों के विरुद्ध भारत सरकार को सख्त होने की जरूरत है और ऐसी लोगों को चिन्हित कर कठोर से कठोर कार्रवाई करने की आवश्यकता है।

सत्य प्रकाश नारायण ,सहायक विधि संवाददाता / धनंजय कुमार विधि संवाददाता, बिहार – झारखंड प्रदेश।

औरंगाबाद (बिहार) 7 मार्च 2024:- स्मार्टनेस के दौर में स्मार्ट मोबाइल से छात्राओं का जीवन भटक रहा है । फेसबुक , व्हाट्सएप और मैसेंजर पर अनजान युवकों से दोस्ती कर अपने जीवन को बर्बाद कर रहे हैं और युवकों के साथ फरार होकर शादी रचा रहे हैं ।

घर से भागने के बाद उसके परिजनों द्वारा अपहरण के प्राथमिक दर्ज कराई जाती है परंतु वास्तविकता यह है कि इन्टरनेट के माध्यम से सम्पर्क में आने के बाद कुछ दिन के बाद प्यार की गरमाहट शुरू होती है

और लड़कियां अपने प्रेमी के साथ फरार हो जाती है । पुलिस अनुसंधान के क्रम में ऐसा पाया जाता है कि ऐसे मामले में प्रेम प्रसंग का मामला सामने आता है हालांकि नाबालिकों के मामले में आरोपित को पुलिस द्वारा जेल भेज दिया जाता है ।

नाबालिको से शादी करने के बाद उन्हें अपने माता-पिता के पास न्यायालय के आदेश पर भेजा जाता है

एक अनुसंघानकर्त्ता ने अपना नाम ना छापने के शर्त पर बताया कि कुछ ऐसे भी मामले हैं जिसमें इंटरनेट मीडिया पर प्यार हो जाता है और बच्चे बच्चियों फरार हो जाती हैं । इसी तरह का एक प्रसंग देव थाना क्षेत्र के एक युवक ने नाबालिक अपने प्रेमिका को लेकर फरार हो गया ,

मामले में घर से भागने के पहले नीतीश ने नाबालिक के मोबाइल पर मैसेज कर घर से बाहर बुलाया और फरार हो गया । इंटरनेट आगे बढ़ने का एक सशक्त माध्यम है तो दूसरी तरफ इसका दुरुपयोग भी हो रहा है। खासकर युवा पीढ़ी के लगभग आधे से ज्यादा लोग इसका गलत फायदा उठा रहे हैं ।

बुनियादी सुविधा के तौर पर इसका उपयोग किया जाए तो इससे जीवन में अमूलभूत परिर्वतन संभव है परन्तु परन्तु युवा पीढी खासकर अपने लक्ष्य से भटकर फेसबुक व्हाट्सएप स्नैपचैट इंस्टाग्राम पर प्यार करते हैं और अपने प्रेमिका के साथ फरार हो जाते हैं जिसका दुरगामी प्रभाव आने वाला जनरेशन पर पड़ता है ।

इस पर भारत सरकार को सख्त होने की जरूरत है और इंटरनेट पर अश्लील सामग्री परोसने वालों पर कठोर कार्रवाई करने की जरूरत है अगर समय रहते इस पर लगाम नहीं लगाया जा सका तो भारतीय संस्कृति खतरे में पड़ जायेगा और इसका दूरगामी प्रभाव भी देखने को मिलेगा ।

यह लेखक के निजी विचार है

शान्ती देवी पत्रकार सह सोशल एक्टिविस्ट औरंगाबाद (बिहार)

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