श्री जय बजरंग रामलीला मंडल, वाराणसी के कलाकारों ने परशुराम-लक्ष्मण संवाद लीला का किया शानदार मंचन

भारत सरकार के पूर्व मंत्री एवं काराकाट के एनडीए प्रत्याशी उपेन्द्र कुशवाहा , सुप्रसिद्ध समाजसेवी सुधीर शर्मा, श्रमजीवी पत्रकार संघ के अरवल जिलाध्यक्ष आशुतोष कुमार समेत कई गणमान्य लोगों ने धर्मसभा में उपस्थित हो स्वामी जी से लिया दिब्य आशीर्वाद

दैनिक शुभ भास्कर,
रंजीत कुमार, अनुमंडल संवाददाता दाउदनगर।
औरंगाबाद ( बिहार ) 23 अप्रैल 2024 : हसपुरा प्रखंड क्षेत्र के मौआरी गांव में स्वामी पुरूषोत्तमाचार्य जी महाराज के तत्वावधान में श्री लक्ष्मी नारायण सह हनुमत प्राण प्रतिष्ठा महायज्ञ जारी है।महायज्ञ के छठे दिन सोमवार की संध्या स्वामी जी ने अपने प्रवचन में सनातन धर्म की महत्ता को समझाते हुए कहा कि सनातन हमें जोड़ना सिखाता है तोड़ना नहीं। जो तोड़ता है वह न तो सनातनी है न जनप्रतिनिधि और न ही सच्चा साधु। सनातन धर्म के क्षेत्र में हिंसा, घृणा,भय व नफरत का कोई स्थान नहीं है।

उन्होंने सेवा परमोधर्म: के मर्म को भी उपस्थित जनसमूह को अच्छी तरह समझाया। इस अवसर पर श्री जय बजरंग रामलीला मंडल, वाराणसी के कलाकारों ने बीती रात छठवें परशुराम-लक्ष्मण संवाद लीला का शानदार मंचन कर दर्शकों के बीच रोमांच पैदा कर दिया।दर्शक दीर्घा में उपस्थित मीडिया प्रभारी डॉ०ज्योति कुमार ने बताया कि परशुराम-लक्ष्मण के बीच तीखे और विद्वतापूर्ण संवाद को सुनने के लिए पूरी रात भीड़ जमी रही।

लीला में यह दिखाया गया कि पुत्री सीता के विवाह किए राजा जनक ने सीता स्वयंवर का आयोजन किया। वहां उपस्थित राजन जब धनुष को उठाना तो दूर उसे हिला न सके तो परेशान होकर राजा जनक विलाप करने लगे और कहने लगे कि उन्हें आज पता चला कि पृथ्वी वीरों से खाली हो चुकी है।जनक की बातें सुन लक्ष्मण क्रोधित हो उठे तब भगवान राम ने इशारे से उन्हें रोका और विश्वामित्र से आज्ञा लेकर धनुष तोड़ डाला। धनुष टूटने की आवाज सुनकर क्रोधित परशुराम सभा में पहुंचते हैं और धनुष तोड़ने वाले का नाम पूछने लगते हैं, इसपर वहां सन्नाटा छा जाता है। वहीं परशुराम और लक्ष्मण के बीच जमकर शब्दों के तीखे वाण चले। दोनों के दहाड़पूर्ण अभिनय पर दर्शक रोमांचित नजर आए। लीला स्थल पर प्रभु श्री लक्ष्मण और श्रीराम की जय-जयकार होने लगी।
गौरतलब है कि इससे पहले छठे दिन की कथा में सोमवार की रात भारत सरकार के पूर्व मंत्री और काराकाट के एनडीए प्रत्याशी उपेन्द्र कुशवाहा, सुप्रसिद्ध समाजसेवी सुधीर शर्मा, श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के अरवल जिलाध्यक्ष आशुतोष कुमार, विक्रम सिंह समेत कई विशिष्ट और गणमान्य व्यक्तियों ने इस धर्मसभा में उपस्थित होकर स्वामी जी से दिब्य आशीर्वाद ग्रहण किया और बड़ी देर तक प्रवचन सुने।श्री कुशवाहा ने अपने संबोधन में कहा कि लोग कहते हैं कि इस तरह के पुण्य कार्य में भाग लेने का उसी को मौका मिलता है जिसपर ईश्वर की विशेष कृपा होती है और वह मौका मुझे मिला। उन्होंने कहा कि इस तरह के धार्मिक आयोजन की सार्थकता तभी होगी जब संतवाणी को हमसब अपने जीवन में उतारने का प्रयास करेंगे। वहीं सुप्रसिद्ध समाजसेवी सुधीर शर्मा ने कहा कि इस तरह के धार्मिक आयोजन से गांव में एकता, अखंडता, प्रेम और भाईचारा देखने को मिलता है। उन्होंने महायज्ञ की सफलता की ईश्वर से कामना की। बताते चलें कि मंगलवार को हवन-पूजन और महाभंडारे के साथ महायज्ञ की पूर्णाहुति होगी।इस अवसर पर आयोजन समिति के संयोजक धीरज शर्मा, संतोष सिपाही, नारायण शर्मा, अनंत शर्मा, विकास कुमार,रक्टु कुमार, उज्जवल कीर्ति सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।

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