सरकार से एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट अविलंब लागू करने की मांग की है ताकि यह कानून अधिवक्ताओं के हित में मिल का पत्थर साबित हो सके ।

दैनिक शुभ भास्कर
सत्य प्रकाश नारायण ,सहायक विधि संवाददाता / धनंजय कुमार विधि संवाददाता ,बिहार – झारखंड प्रदेश।

बिहार प्रदेश के छपरा जिले में अपराधियों ने अहले सुबह 6.30 बजे अधिवक्ता को गोली मार कर हत्या कर दिया । पुलिस पदाधिकारी की नाकामी के प्रतिफल अपराधियों ने दिनदहाड़े घर से न्यायालय आने के क्रम में अधिवक्ता को गोली मार कर हत्या कर दी है । घटना का अंजाम छपरा विधि मंडल के विद्वान अधिवक्ता राम अयोध्या राय एवं इनके पुत्र सुनील कुमार के साथ छपरा न्यायालय आने के क्रम में दिया गया है ।

अधिवक्ता के हत्या के उपरांत औरंगाबाद विधि मंडल के विद्वान अधिवक्ता तथा अखिल भारतीय अधिवक्ता कल्याण समिति के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रसीक बिहारी सिंह नें घटना का कारण पुलिस पदाधिकारी की नाकामी बताया है तथा कहा है कि इस घटना की जितनी भी नींन्दा की जाए वह कम है ।

अधिवक्ता धनंजय कुमार ने इस घटना के संबंध में प्रशासनिक उदासीनता का आरोप लगाया और कहां की शोकाकुल परिवार के साथ इस दुख घडी मे हम खडे हैं, इसकी जितनी भी निन्दा की जाए वह कम हैं। सरकार से एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट अविलंब लागू करने की मांग की है ताकि यह मिल का पत्थर साबित हो सके । बार काउंसिल से यह भी मांग करते हैं कि अविलंब दोषियों के विरुद्ध उचित कार्रवाई की जा जाए । श्री कुमार ने कहा पुलिस प्रशासन द्वारा न तो ठीक से गस्ती की जाती है और न ही पदाधिकारी द्वारा सुरक्षा का मूल्यांकन किया जाता है ।

विश्वस सूत्रों के अनुसार गृह विशेष बिहार सरकार पटना एवं गृह विशेष भारत सरकार द्वारा औरंगाबाद के अधिवक्ताओ के खतरे के संबंध में प्रतिवेदित किया गया है । फिर भी औरंगाबाद विधि मंडल के अधिवक्ताओं के सुरक्षा के नाम पर ढाक के तीन पात वाली कहावत चरितार्थ होते आ रहे है ।

अधिवक्ता कल्याण समिति के प्रतिनिधि ने इस सम्बन्ध में जिला एवं सत्र न्यायाधीश का ध्यान आकृष्ट करते हुए अधिवक्ताओं की सुरक्षा की समीक्षा आपने अस्तर से करने की मांग की है । अखिल भारतीय कल्याण समिति औरंगाबाद शाखा ने पुलिस कप्तान से औरंगाबाद न्यायालय परिसर के आसपासके इलाको मे गस्त बढ़ाने की माँग की है ।

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