-महात्मा बुद्ध के “मध्यम मार्ग” के सिद्धांत पर चलने की है आवश्यकता.


-सदैव प्रासंगिक रहेंगे गौतम बुद्ध के समाजोपयोगी मानवतावादी सिद्धांत.

JUSTICE 24 HOUR/ संपादक , दैनिक शुभ भास्कर, बिहार झारखंड/ विश्वनाथ आनंद वरीय संवाददाता , बिहार प्रदेश।


दैनिक शुभ भास्कर,
विश्वनाथ आनंद वरीय संवाददाता बिहार प्रदेश.
गया (बिहार )- गौतम बुद्ध महिला कॉलेज में बुद्ध जयंती के सुअवसर पर गौतम बुद्ध के जीवन तथा दर्शन पर प्रकाश डालते हुए पूजा-अर्चना की गयी.महाविद्यालय के प्रभारी प्रधानाचार्य डॉ. सहदेब बाउरी, अंग्रेजी विभागाध्यक्ष डॉ. कुमारी रश्मि प्रियदर्शनी, हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ. प्यारे माँझी, किसान कॉलेज के अजय विद्यार्थी एवं पालि भाषा तथा साहित्य के शोधार्थी संदीप कुमार की उपस्थिति में महाविद्यालय परिसर में नवस्थापित महात्मा बुद्ध की प्रतिमा पर नया चीवर पहनाकर श्रद्धाभाव के साथ पुष्पांजलि अर्पित की गयी.

पंचशील के सिद्धांतों पर सविस्तार चर्चा के उपरांत, कॉलेज प्रांगण मंत्रोच्चार तथा “बुद्धं शरणं गच्छामि, धम्मं शरणं गच्छामि,संघं शरणं गच्छामि” की पावन धुन से गुंजित हो उठा.समस्त महाविद्यालय परिवार को बुद्ध जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए प्रभारी प्रधानाचार्य डॉ सहदेब बाउरी ने कहा कि हम सभी को महात्मा बुद्ध के द्वारा बताये गये मध्यम मार्ग के सिद्धांत पर चलने की आवश्यकता है, तभी हम सुखी तथा सफल हो सकते हैं.

डॉ रश्मि प्रियदर्शनी ने कहा कि महात्मा बुद्ध एक महामानव थे, जिन्होंने समस्त संसार को सर्वप्रथम स्वयं को जानने तथा समझने के लिए प्रेरित किया.गौतम बुद्ध के समाजोपयोगी मानवतावादी सिद्धांत सदैव प्रासंगिक रहेंगे, जिनके द्वारा मनुष्य का नैतिक एवं आध्यात्मिक उत्थान संभव है.

उन्होंने आगे कहा कि बुद्ध पूर्णिमा के दिन ही महात्मा बुद्ध का जन्म हुआ, देवी सुजाता द्वारा प्रदान की गयी खीर ग्रहण करने के उपरांत ‘बुद्धत्व’ व ‘संबोधि’ की प्राप्ति हुई, तथा इसी दिन उन्हें उनकी इच्छानुसार महापरिनिर्वाण की भी प्राप्ति हुई.इसीलिए यह दिन महात्मा बुद्ध के भक्तों और अनुयायियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है.

डॉ प्यारे मांझी ने गौतम बुद्ध के “आत्म दीपो भवः” के सिद्धांत को सर्वोत्तम बताया और कहा कि आज संसार में शांति की परम आवश्यकता है. बुद्ध के सिद्धांत इस दिशा में अहम भूमिका निभा सकते हैं.

इस अवसर पर अजय कुमार, सुनील कुमार, रौशन कुमार, नीरज कुमार, अभिषेक कुमार, अभिषेक कुमार भोलू, महेन्द्र प्रताप सिंह, रंजीत कुमार, सुरेन्द्र प्रसाद, अजीत कुमार, मदन प्रसाद सोनी, रीता देवी के अलावा कॉलेज की छात्राएं भी उपस्थित थीं.

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